संभल में मस्जिद पर हुआ बवाल, जानें क्या है पूरा मामला? क्यों दिए गए सर्वे के आदेश?
Sambhal Sahi Jama Masjid: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जमा मस्जिद विवाद को लेकर पुलिस कमिश्नर और उनकी टीम को सर्वे का आदेश दिया गया जिसके लिए पुलिस रविवार की सुबह अपनी टीम लेकर पहुंची। लेकिन जैसे ही पुलिस की टीम वहां पहुंची आसपास के लोगों ने पुलिस के साथ ही धक्का मुखी शुरू कर दी यहां तक की पुलिस के ऊपर पथराव भी किए गए, जिसके कारण पूरे इलाके में तनाव पैदा हो गया। आपको बता दें कि पुलिस ने स्थिति को काबू करने के लिए हवाई फायरिंग और आंसू गैस के गोले छोड़े तब जाकर स्थिति कंट्रोल में आई। तो चलिए पूरे विस्तार से जानते हैं कि यह मामला है क्या आखिर संभल में मस्जिद पर बवाल हुआ क्यों ?
क्या है जामा मस्जिद विवाद का मामला?
हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु जैन ने आठ लोगों की ओर से 19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन में एक मुकदमा दायर किया और दावा किया कि संभल की शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। कोर्ट ने इसकी जांच के लिए पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया। कोर्ट ने सर्वे का वीडियोग्राफी वह फोटोग्राफी दोनों कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश पर 19 नवंबर की शाम को टीम सर्वे करने पहुंची टीम ने क़रीब 2 घंटे तक सर्वे किया, इस दौरान भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात भी रहा। 22 नवंबर को सर्वे के बाद पहले जुम्मे की नमाज हुई। सुबह से ही काफी बड़ी संख्या में विशेष समुदाय के लोग एकत्र होने लगे पुलिस ने मोर्चे संभालते हुए मामले को शांत कराया और मस्जिद के चारों तरफ कैमरा भी लगवाया।
सर्वे के दौरान हुए पथराव
24 नवंबर की सुबह जब दोबारा कमिश्नर और उनकी टीम सर्वे के लिए पहुंची तो उनके लिए भारी मुसीबत खड़ी हो गई। सर्वे की सूचना इलाके में आग की तरह फैल गई, जैसे ही लोगों को पता लगा मस्जिद की ओर भीड़ पहुंचने लगी और सुबह करीब 9:00 भीड़ को हटाने का प्रयास किया गया तो पहले धक्का मुक्की हुई और बाद में भीड़ ने पथराव कर दिया। पुलिस ने हवाई फायरिंग कर भीड़ को भगाने का प्रयास किया। इतना ही नहीं पुलिस के अलावा भी दूसरी तरफ से भी फायरिंग की गई है। घटना के बाद पुलिस ने संभल में स्थानीय लोगों से मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए वहां पहुंची सर्वेक्षण टीम पर पथराव न करने की अपील की और मामला को जैसे तैसे शांत किया गया।
विधायक भड़के पुलिस प्रशाशन पर
शहर के विधायक इकबाल महमूद ने मस्जिद में मंदिर होने के दावे को लेकर दायर किए गए केस पर कहा कि यह सिर्फ मुसलमान को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। यह जामा मस्जिद थी और जामा मस्जिद ही रहेगी। यह सिर्फ सरकार का उद्देश्य है कि किसी तरह से मुसलमान को परेशान करें ऐसे में मुसलमान को परेशान करने के लिए यह बात की जा रही है।